कैसे करें ये नैया पार ?
किसी का क्यों करना इंतज़ार ?
कैसा है यह दौर जीने का ?
कहीं किसी ने दी थी आवाज़ ,
क्या हुआ एक नया आग़ाज़ ?
कल भी बीत गया कुछ ऐसे,
आज भी ऐसे ही जाएगा ,
करते करते यूँही एक दिन
वक़्त ही ठहर जाएगा।
क्या मतलब है तब जीवन का ?
क्या समझा है किस ने इसका सार ?
कैसे करें ये नैया पार ?
किसी का क्यों करना इंतज़ार ?
कैसा है यह दौर जीने का ?
कहीं किसी ने दी थी आवाज़ ,
क्या हुआ एक नया आग़ाज़ ?
कल भी बीत गया कुछ ऐसे,
आज भी ऐसे ही जाएगा ,
करते करते यूँही एक दिन
वक़्त ही ठहर जाएगा।
क्या मतलब है तब जीवन का ?
क्या समझा है किस ने इसका सार ?
कैसे करें ये नैया पार ?